25 सितंबर 2018

रिश्‍तों में जीते हैं हम सब (गीतिका)

छंद- सार   
विधान- 16, 12 पर यति अंत 22 वाचिक
समांत- आन
पदांत- बनाये रखना  

रिश्तों में जीते हैं हम सब, शान बनाये रखना.
जीवन में संघर्ष बहुत है, मान बनाये रखना.

हो सेवा व्‍यापार परिश्रम, चाह लाभ की रहती, 
लाभ-हानि की शंका का अनुमान बनाये रखना.

अपने और पराये में कब, फर्क दिखाई देता,
मित्र रूप में अरि न आ सके, ध्यान बनाये रखना.

जीवन में आएँगी राहें, कंटकीर्ण मत डिगना, 
पहुँचेगा गंतव्‍य नहीं मन, म्‍लान बनाये रखना.

सारे जहाँ से अच्‍छा रहे, भारत मेरा महान,
सत्‍यमेव जयते हो जग में, आन बनाये रखना.

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