छंद- अवतार
मापनी- 2212 1212 2212 12
मापनी- 2212 1212 2212 12
पदांत- रहा कोई बता रहा,
समांत- आ
समांत- आ
गत वर्ष मुँह छिपा रहा कोई बता रहा ।1।
कोई लुटा बजार में ना होश है उसे,
यह ही मलाल खा रहा कोई बता रहा ।2।
देखे मिजाज ठंड के नव वर्ष में कड़े,
कुछ को अभी न भा रहा कोई बता रहा ।3।
आगाज ही अलग-थलग हो क्या करे कहो,
परमाणु युद्ध आ रहा कोई बता रहा ।4।
है लाजमी गुजारना ‘आकुल’ समय अभी
फिर से सुकून जा रहा कोई बता रहा।5।
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