मुक्तक-1
देवी के अनगिनत रूप हैं, मातृभवानी जानिए।
कहीं अर्द्धनारीश्वर में है, शिवा शिवानी जानिए।
चामुण्डा , माँ अम्बे काली, है विंध्याचलवासिनी,
महामाया है कालरात्रि है, यही सयानी जानिए।
मुक्तक-2
सप्त मातृकायें दस विद्या, नौ दुर्गा नवरात्रि में।
व्रत कर फलाहार लें करना जगराता नवरात्रि में।
माँ कल्याण करे होती है, भक्तों के सान्निध्य भी,
क्षमाशील बन पूजें करती, चमत्कार नवरात्रि में।
वाह, बहुत सुंदर मुक्तक रचनाएं आदरणीय। जय श्री राम!
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय, ब्लॉग पर उपस्थिति के लिए धन्यवाद।
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