(गीत)
शिक्षक
=====
जो शिक्षित करता हम उसको शिक्षक कह सकते हैं.
जो दीक्षित करता हम उसको शिक्षक कह सकते हैं.
जो शिक्षित करता............
दे कर अक्षरज्ञान चढ़ाए, शिक्षा के सोपान.
अनुशासन, जीवन संस्कृति का, देता जो संज्ञान.
धर्म, कर्म, सौहार्द, प्रेम का देता है जो ज्ञान.
दे शिक्षा सेवार्थ कराता है, हमको प्रस्थान.
परिमार्जित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते हैं.
जो शिक्षित करता.............
दिशा दिखाए, दे दृष्टान्त, आगाह करे, अपनाए.
शिक्षा के सँग स्वास्थ्य, खेल का भी महत्व समझाए.
करे संस्कारित, शिक्षा का जीवन मूल्य बताए.
विश्वास, आस्था, श्रद्धा, अनुशासन का पाठ पढ़ाए.
प्रतिरक्षित करता हम उसको शिक्षक कह सकते हैं.
जो शिक्षित करता...........
युगो-युगों से चली आ रही हैं जो परम्पराएँ.
प्रलय प्रभंजन से ले कर, अवतारों की गाथाएँ.
लिख जाए परिवर्तन को, आधारभूत रचनाएँ.
जो शिक्षा को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में भी समझाएँ.
परिवर्धित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते हैं.
जो शिक्षित करता..............
सौर जगत् का शिरोधार्य, पारसमणि है जो दिनकर.
जीव जगत् का अहोभाग्य, मानवमणि है इस भू पर.
गुरु गोविन्द से भी भारी है, गुरु चरणों को छू कर.
श्रीगणेश करते, महा अष्टविनायक का पूजन कर.
अभिमंत्रित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते हैं.
जो शिक्षित करता...............
गुरु की महिमा अपरम्पार, बखानी है ग्रन्थों ने.
सुर, मुनि, असुर, देव, दानव, ज्ञानी, समस्त पंथों ने.
क्या पुराण, क्या वेद शास्त्र के रचयिता सन्तों ने.
मठ, मन्दिर के, पीठों के आचार्यों ने पन्तों ने.
स्थापित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते हैं.
जो शिक्षत करता...............
जो शिक्षित करता हम उसको शिक्षक कह सकते हैं.
जो दीक्षित करता हम उसको शिक्षक कह सकते हैं.
शिक्षक
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जो शिक्षित करता हम उसको शिक्षक कह सकते हैं.
जो दीक्षित करता हम उसको शिक्षक कह सकते हैं.
जो शिक्षित करता............
दे कर अक्षरज्ञान चढ़ाए, शिक्षा के सोपान.
अनुशासन, जीवन संस्कृति का, देता जो संज्ञान.
धर्म, कर्म, सौहार्द, प्रेम का देता है जो ज्ञान.
दे शिक्षा सेवार्थ कराता है, हमको प्रस्थान.
परिमार्जित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते हैं.
जो शिक्षित करता.............
दिशा दिखाए, दे दृष्टान्त, आगाह करे, अपनाए.
शिक्षा के सँग स्वास्थ्य, खेल का भी महत्व समझाए.
करे संस्कारित, शिक्षा का जीवन मूल्य बताए.
विश्वास, आस्था, श्रद्धा, अनुशासन का पाठ पढ़ाए.
प्रतिरक्षित करता हम उसको शिक्षक कह सकते हैं.
जो शिक्षित करता...........
युगो-युगों से चली आ रही हैं जो परम्पराएँ.
प्रलय प्रभंजन से ले कर, अवतारों की गाथाएँ.
लिख जाए परिवर्तन को, आधारभूत रचनाएँ.
जो शिक्षा को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में भी समझाएँ.
परिवर्धित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते हैं.
जो शिक्षित करता..............
सौर जगत् का शिरोधार्य, पारसमणि है जो दिनकर.
जीव जगत् का अहोभाग्य, मानवमणि है इस भू पर.
गुरु गोविन्द से भी भारी है, गुरु चरणों को छू कर.
श्रीगणेश करते, महा अष्टविनायक का पूजन कर.
अभिमंत्रित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते हैं.
जो शिक्षित करता...............
गुरु की महिमा अपरम्पार, बखानी है ग्रन्थों ने.
सुर, मुनि, असुर, देव, दानव, ज्ञानी, समस्त पंथों ने.
क्या पुराण, क्या वेद शास्त्र के रचयिता सन्तों ने.
मठ, मन्दिर के, पीठों के आचार्यों ने पन्तों ने.
स्थापित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते हैं.
जो शिक्षत करता...............
जो शिक्षित करता हम उसको शिक्षक कह सकते हैं.
जो दीक्षित करता हम उसको शिक्षक कह सकते हैं.
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