28 अगस्त 2018

करो खुल के बात सभी यार (गीतिका)

छंद-श्रृंगार (सम मात्रिक)
शिल्प विधान-16 मात्रा, आदि में त्रिकल (21/12/111)+
द्विकल (11/2) अंत में 21 अनिवार्य.
पदांत- यार 
समांत- अभी

करो खुल के बात सभी यार.
कहो जो कहना हो अभी यार.

पास आइये सीमाएँ तोड़,
दूरिया मिटेंगी तभी यार.

बाँट कर तो देखिए हुजूर,   
कम हुए हैं दर्द जभी यार.

नहीं वक़्त, जिंदगी अरु मौत,
देखते मुँह मोड़ के’ भी यार.       

चाहना यही है एक मात्र,
बने हमसफर तू कभी यार.


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