सान्निध्य
दोस्त फ़रिश्ते होते हैं. बाक़ी सब रिश्ते होते हैं.
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22 नवंबर 2022
जो काया है
गीतिका
छंद- कन्या (वार्णिक)
मापनी- 2 222 (गुरु मगण)
पदांत- है
समांत- आया।
जो काया है।
वो छाया है।1।
प्रारब्धों की,
ही माया है।2।
कर्मों ने तो,
दौड़ाया है।3।
कर्तव्यों ने,
दी छाया है।4।
दायित्वों ने,
पौढ़ाया है।5।
संस्कारों से,
ही आया है।6।
संसारी तू,
हो पाया है।7।
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