1 जनवरी 2017

हिंदी पर कुछ मुक्‍तक

1
आओ इस बात का अब वादा करें।
हिन्‍दी बने सिरमौर इरादा करें।
सबकी दृष्टि है हिन्‍दुतान पर अब,
इलिए प्रयत्‍न सबसे ज्‍यादा करें।
2
अब तक हिन्‍दी किसी ने, क्‍यों ध्‍यान नहीं दिया।
अब तक इस पर किसी ने, क्‍यों प्रसंज्ञान नहीं लिया।
अपने शिखर से सत्‍तर वर्ष वह, क्‍यों रहीं वंचित,
हिन्‍दी राष्‍ट्रभाषा हो संविधान, क्‍यों नहीं किया।
3
क्‍यों नहीं चाहते हिन्‍दी हो स्‍थापित सर्वोच्‍च स्‍थान।
क्‍यों नहीं चाहते हिन्‍दी गर्वित भारत का संविधान।
क्‍यों अंग्रेजी देवभाषा बनी बैठी हुई शिखर,
क्‍यों नहीं चाहते इक क्रांति हो आए प्रावधान।
4
हिंदी के अभियान को, इतना दें सहयोग.
लोगों से हर दिन कहें, इसका करें प्रयोग.
जनता ही है जनार्दन, जनता ही सरकार
जन जन से ही बढ़ेगा, हिंदी का उपयोग. 
5
नहीं प्रशासन जागता, नहीं जगे सरकार
जब तक जनता में नहीं, मचता हाहाकार.
क्‍या हिंदी के वासते, होगा कभी बवाल,
जूँ रेंगेगी कान कब, हे जनता सरकार.
6
शिक्षा हो अब देश में, हिंदी में अनिवार्य.
अंग्रेजी ऐच्छिक बने, हिंदी में हो कार्य.
कक्षा छ: से था हुआ, अंग्रेजी का ज्ञान,
ऐसा ही अब हो चलन, शिक्षा में स्‍वीकार्य. 

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