8 अक्तूबर 2018

सभी पितृ चरणों को वंदन करें (गीतिका)

छंद- वाचिक भुजंगी
विधान- भुजंगी वर्णिक वृत्त छंद है । जब इसमें गुरु के स्थान पर दो लघु की छूट ली जाती है तो इसे वाचिक भुजंगी कहते हैं ।

मापनी- 122 122 122 12
पदांत- करें
समांत- अन

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सभी पितृ चरणों को’ वंदन करें.
न कर पाये' हों कल ही तर्पन करें.

कनागत है’ कल साल का आखिरी
करें श्राद्ध श्रद्धाश्रु अर्पन करें.

न कर पायें’ फिर भी किसी भी वजह
सुबह सूर्य को जल समर्पन करें.

हमारे धरोहर हैं’ संस्कार सब,
न इनका कभी हम विसर्जन करें.

करें या नहीं कर सकें क्या हुआ,
सहज हो सके वो सुदर्शन करें.

समय है बड़े अब नहीं टोकते,
मना ही करें ना समर्थन करें.

कभी सोच लें पीढि़यों के लिए,
कि क्या दे चलें ये ही’ मंथन करें.

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