छंद- सार
विधान- 16, 12 अंत दो
गुरु
पदांत- 0
समांत- आला
भारी जवाब जाँबाजों ने, दुश्मन को दे डाला.
बता दिया कायर को किससे, पड़ा है' उसका पाला.
पार सियासतदानों की अब, नींद हराम करेंगे,
भितरघातियों को भी देंगे, हालाहल का प्याला.
भितरघातियों को भी देंगे, हालाहल का प्याला.
कश्मीरी जा कर तो देखें, पार समझ जायेंगे,
मुज़ाहिदी'न का मिल जायेगा, जब नासूरी छाला.
मुज़ाहिदी'न का मिल जायेगा, जब नासूरी छाला.
ख्वाब देखना छोड़ बचा ले, अपनी लाँग-लँगोटी,
हो जाये न कहीं मुहाल, खाने को एक निवाला.
हो जाये न कहीं मुहाल, खाने को एक निवाला.
शौर्य दिखाया, गर्व हुआ है हमको' सेन्य
शक्ति पर,
शांतिदूत हैं मौके पर हम, बन जाते परकाला.
शांतिदूत हैं मौके पर हम, बन जाते परकाला.
दुनिया को भी थी प्रतीक्षा, इसी कार्यवाही की,
ठान चुके हैं अब न बुझेगी, यह रणचंडी ज्वाला.
ठान चुके हैं अब न बुझेगी, यह रणचंडी ज्वाला.
यह तो ट्रेलर था इक होगी, फिल्म शुरू अब 'आकुल',
बैठ कराँची में पीयेंगे, पैग सभी पटियाला.
बैठ कराँची में पीयेंगे, पैग सभी पटियाला.
(27 फरवरी को आतंकवाद पर विजयी एयर स्ट्राइक-2 पर चित्र व रचना )
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