10 मार्च 2019

हौसला फौलाद सा रखना सदा (गीतिका)

छंद- आनंदवर्धक
मापनी- 2122 2122 212
पदांत- सदा
समांत- अना

तू उड़ानें बाज सी भरना सदा.
हौसला फौलाद सा रखना सदा.

बात हो तलवार की तो ढाल से,
वार हो तो घात से बचना सदा.

जोश में बरसात सा आवेश हो,
शांत निर्झर सा नहीं बहना सदा.

ध्‍यान में बक कोशिशें हो काक सी,
चींटियों सा कर्मरत रहना सदा.

दाग चाँद सा नहीं लगे कभी,
दर्द तारों सा मिले सहना सदा

तू सदा बनना पिता कर्तव्‍य में,
त्‍याग में तू माँ मही बनना सदा.

जिंदगी को ही जुगत करते सभी,
मौत से क्‍यूँ बेवजह डरना सदा.

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