नारी
ने पुरुषों के जीवन को आसान किया है.
जीवन
रूपी हवन कुण्ड में नित बलिदान किया है.
नारी
ने पुरुषों के जीवन को..........
इतिहास
उठायें, देखें नारी ने है शौर्य दिखाया,
जितना
पुरुष समर्थ है नारी नहीं किसी से कम अब,
बीत
गया वह समय आज नारी में भी है दम अब,
युग
बदले हैं नारी ने जब भी आह्वान किया है.
नारी
ने पुरुषों के जीवन को..........
प्रेम
चाहती वह चाहे तो विष भी पी जायेगी,
उसने
तो देना सीखा कैसे भी जी जायेगी,
कभी
नहीं उसने पुरुषों से भेद रखा जीने में,
कभी
न पाली अभिलाषायें भेद रखा सीने में,
सच
पूछो तो उसने पुरुषों पर अहसान किया है.
नारी
ने पुरुषों के जीवन को..........
सोना
जितना तपे खरा कितना है स्वरूप कहेगा,
सुंदरता
का तो बखान नारी का रूप करेगा,
धरती
सी सहिष्णुता केवल नारी ने ही पाई,
दम्भ,
कष्ट, प्रतिकार सहे, देखी है प्रीत पराई,
फिर
भी पुरुषों का हर नारी ने सम्मान किया है.
नारी
ने पुरुषों के जीवन को..........
आज
नये जग में नव सृष्टा बन कर वह उभरी है,
नई
सोच से नवदृष्टा बन सकी राष्ट्र प्रहरी है,
नहीं
दिशा कोई अब बाकी नारी ने छोड़ी है,
निभा
रही परम्परायें जिम्मेदारी ओढ़ी है,
माँ,
बेटी, पत्नी बन कर उसने अभिमान किया है.
नारी
ने पुरुषों के जीवन को..........
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