8 मार्च 2019

तो मुस्‍कुरा दिया (कविता)


स्‍त्री के अस्तित्‍व
की दृढ़ता को
ढूँढ़ता रहा
मेरे ही पास 
वह मिली
तो मुस्‍कुरा दिया

कलम, लेखनी
भाषा, हिंदी
कविता, गीतिका
सभी में
स्‍त्री का
प्रतिनिधित्‍व
स्‍वयं सिद्ध
'गीता' मिली
तो मुस्‍कुरा दिया
 
युगों से सहती
वसुंधरा को
अपने आँचल में
ऋतुओं को भरते
सबका बोझ अपने
सिर पर धरे
'धरती' मिली
तो मुस्‍कुरा दिया

ऐ ! शलाका नारी
ढार्इ आखर प्रेम
तेरे बिना अधूरा
तुझ सी दृढ़ता 
किसी ने
नहीं पाई
तू स्‍वयं सिद्ध है
तुझसे ही
'वंशावली' मिली
तो मुस्‍कुरा दिया.

-आकुल.

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