5 जून 2019

शिव ही हैं कल्याण अनवरत भजिये आप नित्‍य (गीतिका)

छंद- शंकर
विधान- 26 मात्रा, 16, 10 पर यति, अंत 21.
पदांत- आप नित्‍य
समांत- इये

शिव ही हैं कल्याण अनवरत भजिये आप नित्‍य.
शिव ही हैं विश्वास हृदयस्थ रखिये आप नित्‍य.

सत्यम्-शिवम्-सुंदरम् का है, स्‍वरूप महादेव,
ओम् नम: शिवाय सिद्धमंत्र, जपिये आप नित्‍य

गौरी-गणेश-कार्तिकेय के, शिव आराध्य देव,
ये त्रिदेव में एक हैं दर्शन, करिये आप नित्‍य

कालकूट विषपायी इनको, कहते नीलकंठ,
नैवेद्य-पुष्‍प शिवमंदिर में, धरिये आप नित्‍य.

‘आकुल’ प्रभुदयाल हैं होते, शीघ्र सदा प्रसन्‍न,
पास शिवाला हो कुछ क्षण को, रुकिये आप नित्‍य.  

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