गूँजेगा अब घर-घर सारा ।
बोलो हाथ उठा कर सारे, राघव
राजा राम ।
जय श्रीराम जय जय श्रीराम ।।
सुबह से ही सजी हुई है,
दीपमालिका दीपाधार ।
रंग बिरंगी लटक रही,
टिमटिम प्रकाश की वंदनवार ।
दीप चंद्रिका चमकेगी भू पर होते ही शाम ।
जय श्रीराम जय जय श्रीराम ।।
राम लला की अगवानी में,
दूर-दूर से आए लोग ।
अपनी श्रद्धा से सब लाए ,
आज लगेगा छप्पन भोग ।
सौभाग्य कि देख सकेंगे सब मुखचन्द्र सलोने राम ।
जय श्रीराम जय जय श्रीराम ।।
सजी अयोध्या नगरी सारी,
सरयू नदी हुई बलिहारी ।
पथ-पथ सजी हुई रंगोली,
खेलेंगे फूलों से होली ।
हुआ आगमन राम लला का आज अयोध्या धाम।
जय श्रीराम जय जय श्रीराम ।।
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