4 अक्तूबर 2016

नवरात्र दुर्गा पूजा


दुर्गापूजा 

कवित्‍त्‍ा (घनाक्षरी छंद (वार्णिक)- 8,8,8,7)

महागौरी, कूष्‍माण्‍डा माँँ, पूजूँ मैं धूप दीप से, ढोल नगाड़े़े बाजे से, घर में पधराऊँ। 
कृपा करो कात्‍यायनी, शैलपुत्रि, महालक्ष्‍मी, कालरात्रि, कालीमाता, मैं चोला चढ़वाऊँ।
महिषासुर मर्दिनी, चंद्रघंटा, माहामाया, तुलजा भवानी तेरा, माँँ शृंगार कराऊँ।
माँँ दुर्गा स्‍कन्‍दमाता हेे, सिद्धिदात्रि वर दो माँँ, महिमा मैं नित तेरी, जीवन भर गाऊँ। 

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