9 अक्तूबर 2016

आज के मुक्‍तक


1
पढ़ लिख कर सेवा को सब प्रस्थान करें।
प्रथम प्रगति संकल्‍प राष्‍ट्र उत्‍थान करें।
शिक्षा, संस्‍कृति, धर्म राष्‍ट्र का मूल हैं,
सर्वांगीण प्रगति हो अनुष्‍ठान करें।

2
दाँव-पेच से जीती जाती है कुश्‍ती की होड़।
राजनीति भी की जाती है कर के जोड़-तोड़।
साँठ-गाँठ से ही जीता जाता है गढ़ दुश्‍मन का,
दोड़-धूप से जीती जाती है जीवन की दौड़।।

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