1.
कोयल कौ घर फोरि कै, घर-घर कागा रोय।
घडि़यल आँँसूम देखि कै, कोउ न वाकौ होय।।
2.
(मर्कट दोहा- 17 गुरु वर्ण, 14 लघु वर्ण
(मर्कट दोहा- 17 गुरु वर्ण, 14 लघु वर्ण
बड़-बड़ बानी बोलि कै, कागा मान घटाय।
कोई वाकौ यार है, कोउ नाय बतलाय।।
3.
(हंस दोहा- 14 गुरु वर्ण, 14 लघु वर्ण)
(हंस दोहा- 14 गुरु वर्ण, 14 लघु वर्ण)
चिरजीवी की चेष्टा, जग ने करी बखान।
पिक बैरी सिय देइ दुख, खोयो सब सम्मान।।
4.
(मर्कट दोहा- 17 गुरु वर्ण, 14 लघु वर्ण
पिक के घर में सेव कै, कागा पिक ना होय।
लाख मलाई चाट कै, कारा सित ना होय।।
महनत करकै घर बनै, पिक से यारी होय।
कागा सौं नहिं जीव है, ऐयारी में कोय।।
कागा सौं नहिं जीव है, ऐयारी में कोय।।
6.
(कच्छप दोहा- 8 गुरु वर्ण, 32 लघु वर्ण)
गउ, बामन बिन कनागत, दसा घाट बिन काक।
सद्गति बिन उत्तर करम, जीवन ना बिन नाक।।
7.
(त्रिकल दोहा- 9 गुरु वर्ण, 30 लघु वर्ण)
(त्रिकल दोहा- 9 गुरु वर्ण, 30 लघु वर्ण)
काक महत्तम जान लो, पंडित काकभुशंड।
इंदर पूत जयंत कौं, एक आँँख कौ दंड।।
8.
(करभ दोहा- 16 गुरु वर्ण, 16 लघु वर्ण)
(करभ दोहा- 16 गुरु वर्ण, 16 लघु वर्ण)
औघड़ सौं घूमे बनन, जीवन यूँ ही जाय।।
9.
(मर्कट दोहा- 17 गुरु वर्ण, 14 लघु वर्ण)
कोयल बुलबुल ना लड़ैं, दोनों मीठौ गायँ।
(मर्कट दोहा- 17 गुरु वर्ण, 14 लघु वर्ण)
कोयल बुलबुल ना लड़ैं, दोनों मीठौ गायँ।
प्रीत बढ़ावै दोस्ती, कागा समझे नायँ।।
10.
(शरभ दोहा- 20 गुरु वर्ण, 8 लघु वर्ण)
'आकुल' या संसार में, तू कागा से सीख।
ना काहू से दोस्ती, ना काहू से भीख।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें