26 अक्तूबर 2016

दीपपर्व

(घनाक्षरी- 8,8 - 8,7)
रँग रोगन रोशन घर, आँगन, ड्योढी, द्वार
कोना कोना रंगोली से, दीयों से सजवाया।

नई-नई तसवीरों, पुष्‍पगुच्‍छ के झुमकों, 
टिम-टिम तारों वाली, लड़ि‍यों से उजवाया।

ढेर पटाखों के डिब्‍बे, फल फूलों वाले थैले, 
भरे मिठाई के सारे, थालों को रखवाया। 

पूजन की सामग्री, सिक्‍के, रुपये, गिन्‍नी, 
पूजा की थाली ला के, सारों को धरवाया। 

तब जा के जब हुई, पूर्ण तैयारी सबने, 
नौ वस्‍त्र धारण कर, पूजन करवाया।

चले पटाखे उल्‍लासों से, भूले बैर भाव सब, 
गले मिले बढ़ चढ़, सम्‍मान बढ़ाया।

त्‍योहारों का देश पर्व, संस्‍कृति मेले त्‍योहार, 
एक अनोखा जिसमें, है संसार समाया। 

दीप पर्व बतलाता, हमको संस्‍कार देता, 
उजास जीवन होता, यह मर्म बताया।

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