22 जुलाई 2017

दो दोहा मुक्‍तक


1
ज्ञानी की भी है व्‍यथा, पाले पड़ते  मूढ़
होते अर्द्धकुशल सभी, जीवन में दिग्‍मूढ़.
ज्ञानी अनुशासित रहें, कम ज्ञानी स्‍वच्‍छंद,
कैसे ज्ञान बढ़ाइये, जब हों स्‍थापित कूढ़.

2
पंडित, योगी, मौलवी, धर्माचार्य, महंत.
शिक्षक, शास्‍त्री,  संत, गुरु, मठाधीश अरु पंत.
होते सब निष्‍णात हैं, सब के सब धीमान्,
बन पाते सब हैं नहीं, जीवन में श्रीमंत.


 
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