1
ज्ञानी
की भी है व्यथा, पाले पड़ते मूढ़
होते
अर्द्धकुशल सभी, जीवन में दिग्मूढ़.
ज्ञानी
अनुशासित रहें, कम ज्ञानी स्वच्छंद,
कैसे
ज्ञान बढ़ाइये, जब हों स्थापित कूढ़.
2
पंडित,
योगी, मौलवी, धर्माचार्य, महंत.
शिक्षक,
शास्त्री, संत, गुरु, मठाधीश अरु पंत.
होते
सब निष्णात हैं, सब के सब धीमान्,
बन
पाते सब हैं नहीं, जीवन में श्रीमंत.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें