7 जनवरी 2018

शांति का पैगाम लाता वर्ष हो (गीतिका)


छंद- पियूष पर्व
शिल्‍पविधान- 2122 2122 212
पदांत-  वर्ष हो
समांत- आता


सुख प्रदाता अन्‍नदाता, वर्ष हो
जीविका के स्रोत लाता, वर्ष हो.

प्रेम अरु सौहार्द के पल-छिन बढ़ें,
आय भी सबकी बढ़ाता वर्ष हो.

एक ही चिंता है’ सरहद के परे,
खौफ अरु डर को मिटाता वर्ष हो.

है कमी क्‍या दुश्‍मनों की देश में
खूँ न सरहद पर बहाता वर्ष हो.

इस प्रदूषण, संक्रमण से जूझते
चर अचर सबका विधाता वर्ष हो    

खौफ में जीए न प्राणी मात्र अब
शांति का पैगाम लाता वर्ष हो.

पंचतत्‍वों में प्रमुख हैं यूँ सभी ,
भूमि, जल, वायू बचाता वर्ष हो.


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