25 जनवरी 2018

एक फिल्‍म के लिए देश में (गीत)

छंद- सरसी, 16,11. अंत 21
 
एक फिल्‍म के लिए देश में, आया है भूचाल.
गीदड़ भभकी है या यह है, वोट बैंक की चाल.
पहला थप्‍पड़ भंसाली अब, उच्‍चतम न्‍यायालय,
निर्णय की अवमानना से, फिर इक उठा सवाल.
एक फिल्‍म के लिए देश में..........’

यहाँ न्‍याय इतना क्‍यों बेबस, सरकारें भी मूक.
आजादी गणतंत्र दिवस पर, ले हाथों बंदूक.
तकनीकी युग में आ कर किस, मोड़ हैं’ हुए निढाल
एक फिल्‍म के लिए देश में..........’

जौहर की धमकी से कैसा, नारी सशक्तिकरण.
बाहर आकर जीतीं, घर में, कुचालें वशीकरण.
फिर इक बार बनी महिलायें, ‘शैतानों की ढाल.
एक फिल्‍म के लिए देश में..........’

इतिहास लिखा है हर युग में, स्‍त्री ही' हुई आहत.
जब भी अपने लड़े, हुए हैं, घर में महाभारत.
कैसी राजनीति अपने ही, क्‍यों अब खींचें खाल.
एक फिल्‍म के लिए देश में..........’

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