19 जुलाई 2024

अपराध कुकुरमुत्‍ते जैसे, रोज बढ़ रहे।

गीतिका
छंद- शक्तिपूजा
विधान- 16, 8 पर यति अंत लघु गुरु/गुरु लघु/ लघु लघु लघु  हो सकते हैं। यति के बाद अठकल हो।  
पदांत- रहे
समांत- अढ़

अपराध कुकुरमुत्‍ते जैसे, रोज  बढ़ रहे।
विद्यार्थी भेड़ चाल जैसे, आज पढ़ रहे।

विश्‍वास अब परीक्षाओं पर,  चोट कर रहा,
कीर्तिमान हम जनसंख्‍या के,  आज गढ़ रहे।

ऑनलाइन शॉपिंग मॉल व मार्ट आधुनिक,  
भाव जीएसटी थोपने से, आज चढ़ रहे।

परिवार छोटे, संस्‍कार अब, टँगे खूँटियों,
लोग दोष अब मोबाइल पे, नित्‍य मढ़ रहे।

आधुनिकता ने सभी को अब, भरम है दिया ,
आकुल के’ भी गुबार अब तो, खूब कढ़ रहे ।

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