गीतिका
प्रदत्त शब्द- कृत्रिम
छन्द– अड़िल्ल
विधान- प्रति चरण 16 मात्रा। चौपाई की तरह ही, अंत दो गुरु से।
त्रिकल के बाद त्रिकल जरूरी, चार चौकल श्रेष्ठ।
पदांत- होगा
समांत- अना
कृत्रिमता से बचना होगा।
सरोकार अब रखना होगा।
प्रकृति विदोहन बहुत हो चुका,
वृक्षारोपण करना होगा।
ग्रीन ऊर्जा उत्सर्जन को अब,
कष्ट हमें भी सहना होगा।
प्लास्टिक अब है जहर समझ लें,
उन्मूलन को जुड़ना होगा।
जीवन शैली ऐसी हो बस,
संयम अधिक बरतना होगा।
शुद्ध हवा, भोजन पानी हो,
खुद भी तनिक बदलना होगा।
कृत्रिमता का अब मुखड़े से,
आज मुखौटा हटना होगा।
आकुल, कोटा, मुक्तक-लोक
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