पदांत-
चाहिए
समांत-
अनी
तलाक के
निर्णय को अब सर्वत्र प्रशंसाएँ मिलनी चाहिए.
जो हैं
असहमत फैसले के उनके अब नकेल डलनी चाहिए.
अब भी हैं
शेष बहुविवाह,
हलाला अशिक्षा आदि कई मुद्दे,
जनसंख्या
नियंत्रण के लिए शीघ्र ही अब हवा चलनी चाहिए.
नारी नई
ऊर्जा से अब लिक्खे नया इतिहास श्रीगणेश हो,
सोच हो नया
नव पीढ़ी को,
सड़ी-गली प्रथा बदलनी चाहिए.
लोकतंत्र
में विश्वास,
हो सम्मान न्याय का, उत्थान के लिए,
उत्सर्ग
हो हित राष्ट्र में,
ये’ भावना जन जन में पलनी चाहिए.
समृद्ध संस्कृति
का ध्वज अक्षुण्ण फहरे राष्ट्रधर्म भावना फले,
जात-पाँत, भेदभाव, राजनीति वोट की अब न फलनी चाहिए.
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