1
कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया है।
सर्वकामना पूर्ति का पर्व अद्वितिया है।
भाई के प्रति बहिन की स्नेह अभिव्यक्ति का,
यम प्रदत्त वर भाई-दूज यम-द्वितीया है।।
2
अब भाई-बहिन, न रूठें किसी, त्योहार पर ।
इन दो ही’, सेतुओं से है, टिका परिवार घर ।
सम्बल बन कर, भाई-बहिन इक दूसरे का,
सुख-दु:ख बाँटे, तन-मन-धन से, मनुहार कर।।
कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया है।
सर्वकामना पूर्ति का पर्व अद्वितिया है।
भाई के प्रति बहिन की स्नेह अभिव्यक्ति का,
यम प्रदत्त वर भाई-दूज यम-द्वितीया है।।
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अब भाई-बहिन, न रूठें किसी, त्योहार पर ।
इन दो ही’, सेतुओं से है, टिका परिवार घर ।
सम्बल बन कर, भाई-बहिन इक दूसरे का,
सुख-दु:ख बाँटे, तन-मन-धन से, मनुहार कर।।
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