11 नवंबर 2017

देहली में लाेग जहरीली हवा में जी रहे (2 मुक्‍तक)

1
देहली में लोग जहरीली हवा में जी रहे.
राजधानी में ही' जीवन जिस दशा में जी रहे.
मान लीजे दिल ही' जब बीमार है इस देश का,
जान लीजे हर शहर किस दुर्दशा में जी रहे.
2
इक शहर जन्नत था मेरा, इक शहर था दिल मेरा.
जानते हैं सब कि अपना, है कोई क़ातिल मेरा.
विष हवाओं में फैला, लगने लगी है जंग भी,
लाओ मणि पारस न तन, हो जाय नाक़ाबिल मेरा.

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