16 जनवरी 2019

एक समय था (मुक्‍तावली)

1 
एक समय था घर में भी घूँघट लेकर औरत रहती थीं.
कोई भी घर आये, बाहर मिल जाये घूँघट करती थीं.
औरत ने घूँघट त्‍यागा है तब से गिद्ध दृष्टि है उस पर,
इसीलिए पहले घर-घर में दहलीजें चौखट बनती थीं 
2 
एक समय था गाँव-गाँव जीमण पे जाने की थी रीति.
जात-कर्म के मौकों पर ज्योनारों से तुलती थी प्रीति.
चलन वही है ठाठ-बाट भी आज सभी वह ही दिखते,
मात्र उठक बैठक का अंतर है व स्‍वरुचि भोज की नीति
3
नहीं आज की पीढ़ी दोषी, उनका सच सपना कर देखें. 
4
नहीं आज की पीढ़ी दोषी, उनका सच सपना कर देखें. 
5
     
 

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