जिंदगी
मिल के चलना तू हर रंग में
सच
ही तो है कहा इक से दो हैं भले.
ले
सितारों के भी कारवाँ संग में,
दिल
से जी जिंदगी तू गगन के तले.
सच
ही तो है कहा इक से दो हैं भले.
जिंदगी
मिल के चलना तू......
शूल
पथ के हटाके जो तू चल सके.
आयेंगे
और भी चल के पथ पे तेरे.
जलघड़े
तो सदा ही धरा पे गिरे.
फूल
कितने बिना शूल के हैं खिले.
सच
ही तो है कहा इक से दो हैं भले.
जिंदगी
मिल के चलना......
चाँद,
सूरज, गगन का है जीवन अचल
सिर्फ
धरती पे ऋतुएँ बदलती रहीं,
लाख
चमकें, करें बिजलियाँ शोरगुल,
काल
बन के ही धरती पे गिरती रहीं.
धरती
चलती रही कोई कितना छले,
सच
ही तो है कहा इक से दो हैं भले.
जिंदगी
मिल के चलना तू......
हारना-जीतना,
खोना-पाना पड़े
विष
या अमृत मिले चक्र जीवन के हैं
रचे
इतिहास हैं कर्मठों ने बड़े,
बन
के कर्मण्य जी सत्य जीवन के हैं
कब बिना
चूल के चक्र हल हैं चले.
सच
ही तो है कहा इक से दो हैं भले.
जिंदगी
मिल के चलना तू......
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