12 मार्च 2024

हिन्‍दी आभूषण है शोभित होना चाहिए

गीतिका
छंद- गगनांगना
विधान- मात्रा भार 25. 16, 9 पर यति, चरणांत 212.
पदांत- होना चाहिए
समांत- इत

हिंदी आभूषण है शोभित, होना चाहिए।
हिंदी वर्णमाल अब पोषित, होना चाहिए।   

हम कृतार्थ हों जाएँ यदि, सिर पर हाथ हो, 
मधुर राष्‍ट्रवाणी को राजित, होना चाहिए। 

बस मन-वचन-कर्म से इसको, अपनाएँ सभी,
अभिव्‍यक्ति से यह सम्मो‍हित, होना चाहिए।

अब हिंदी का ध्‍वज विराट, फहराए सदा,
गंगाजल से अब अभिमंत्रित, होना चाहिए।

राष्‍ट्रभाषा बने हिंदी का,  जन जन नाद हो,
अब तो संविधान संशोधित, होना चाहिए ।

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