3 फ़रवरी 2024

मौत नहीं माँँगे

गीतिका
छन्‍द-  दीपक माला
विधान- मापनीयुक्‍त वार्णिक 10 वर्ण। वार्णिक छन्‍दों में दो लघु को एक गुरु अथवा 
एक गुरु को दो लघु वर्ण का प्रयोग वर्जित है।
मापनी- 211 222 121 2 । (भ म ज ग) 
पदांत- को
समांत- ईर

मौत नहीं माँगे अमीर को।
और न ही ज़ि‍ंदा फ़क़ीर को।

रूह सदा लेती जहान से,
छोड़ यहींं जाती शरीर को।

दो दिन चाहे क्‍यों न रोक ले
जीवन राजा या वज़ीर को।    

मेट सका कोई न आदमी,
क़ि‍स्‍मत को ना ही लकीर को।

‘आकुल’ की ये बात मान लें,
ग़ौर करें सारे नज़ीर को।

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