27 अगस्त 2022

मधुमास ठहरता है ज्‍यादा न वहाँ

छंद- द्विगुणित भक्ती (वार्णिक)

विधान/मापनी-221 122 2, 221 122 2

पदांत- जानें

समांत- अहाँ

संरक्षण वृक्षों का, होता न जहाँ, जानें ।

मधुमास ठहरता है, ज्‍यादा न वहाँ, जानें ।

जो भी न बसाते घर, यायावर जीते वो,

आजाद परिंदों के, परिवार कहाँ, जानें ।

बेनाम शहीदों को, इतिहास सलामी दे,

होती न कभी जिनकी, चर्चा न यहाँ, जानें । 

हैं आज कई जग में, दौलत जिनकी बाँदी, 
चलता जिनका सिक्‍का, वे शाहजहाँ, जानें ।

ले के अपने खाली, हाथों सब को जाना,

फिर ‘आकुल’ क्‍यों बाँधें,  कोई गिरहाँ, जानें ।

गिरहाँ – गाँठें    

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